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About the Book:- पूर्व भृगु संहिता के आधार पर किसी के लिए फलित किया जाए कि आपकी कुंडली में अमुक योग है, अतः आपको चौपायों से सुख मिलेगा, किंतु चौपायों की परिभाषा तो बदल चुकी है। प्राचीनकाल में चौपायों का आशय हाथी, घोड़े, बैल, या अन्य पालतु पशु हुआ करते थे, किंतु अब ऐसे चौपायों से कोई कैसे लाभ और सुख उठा सकता है? अब चौपायों का स्थान चार पहिया वाहनों ने ले लिया है। जो जातक को सुख अवश्य दे सकते हैं। इसी प्रकार और समझा जाए तो लाखों की संख्या में नवीन ऐसे विषय निर्मित हो चुके हैं, जिनका वर्णन प्राचीन भृगु संहिता में नहीं है। आज के कम्प्युटर और इंटरनेट के युग में यदि प्रचीन संहिता के अनुसार फलित किया जाए तो प्रमाणिकता संदिग्ध हो जाती है।
इस प्रकार ज्योतिषिय योग तो वही है, किंतु उनकी परिभाषाएं बदल चुकी हैं। उन्हीं नवीन परिभाषाओं को फलित सूत्रों को वर्तमान काल के अनुरूप बनाने के लिए ही नवीन भृगु संहिता की आवश्यकता पड़ने लगी है। इस भृगु संहिता में आज के युग अनुरूप फलादेश को लिखने का प्रयास किया गया है, जिससे वर्तमान काल के पाठकों के लिए इस जीवन के भविष्य में घटने वाली घटनाओं और समस्याओं को जानने, समझने तथा उन्हें सुलझानें के प्रयासों में सफलता अवश्य मिलेगी। यहां कई प्रकार के वर्तमान विषयों का स्पर्श किया गया है। प्रत्येक ग्रह के भावगत् वर्णन में उसे सहजता से समझा जा सकता है। कई प्रकार के व्यवसायिक योग स्पष्ट किए गए हैं, जिनके अध्ययन से जातक को अपने भविष्य की रूपरेखा बनाने में सफलता मिलेगी। आशा है कि पाठक वर्ग इस नवीन भृगु संहिता से ज्योतिष संबंधी अपेक्षित ज्ञान प्राप्त करेंगे।
'शुभं भवतु'
- Stock: In Stock
- Author: Om Prakash Kumawat Acharya
- SKU: DCI-00380
- ISBN: 978-812231529