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एक समय
ऐसा था
जब ज्योतिष
ज्ञान को
सर्वोच्च स्थान
प्राप्त था
लेकिन कालांतर
में जब
विदेशी शासकों
का साम्राज्य
रहा तो
उन्होंने हिन्दू
संस्कृति को
क्षति पहुंचाई
तथा धार्मिक
ग्रंथों को
नष्ट करने
की कोशिश
की ,जिसके
कारण बहुत
सा ज्योतिष
साहित्य समाप्त
हो गया
| इसी अनुपलब्धता
के कारण
ही ज्योतिष
साहित्य में
तारतम्यता टूट
गई तथा
विसंगतियां पैदा
हुईं.इसी
से प्रेरणा
लेकर लेखक
ने इस
दिशा में
कार्य करने
का निश्चय
किया | लेखक
का वही
प्रयत्न इस
ग्रन्थ के
द्वारा आपके
समक्ष प्रस्तुत
है इस
ग्रन्थ में
निम्नलिखित विषयों
पर हमारी
शोध , नवीन
विचारधारा तथा
दृष्टिकोण है.
१. ग्रह
चाल ( मूवमेंट
ऑफ़ प्लैनेट्स
) २. वैदिक
ज्योतिष का
आधार ३.
भाव तथा
भावस्थ ग्रहों
का परस्पर
सम्बन्ध ४.
सहस्त्र योग
करक ग्रह
की खोज
५. ग्रहों
के दैहिक
, दैविक एवं
भौतिक फल
६. ग्रहों
की सैद्धांतिक
, शत्रुता मित्रता
७. योगों
/ घटना के
घटित होने
का समय
निर्धारण ८.
वक्री ग्रह
९. ग्रह
/ राशि परिवर्तन
योग १०
भावों के
लिंग ११.
MOP / गोचर योग
१२. दृष्टि
१३. वर्ग
कुंडली प्रस्तुत
ग्रन्थ में
सिद्धांत के
बहुत नियमों
का प्रतिपादन
किया गया
है तथा
फलित के
बहुत नियमों
को शोध
करके बनाया
गया है
| और बहुत
नियमों की
वर्तमान विसंगतियों
को दूर
किया गया
है |
- Stock: In Stock
- Author: Ram Krishan Goyal & Brij Bhushan Lal
- SKU: DCI-00160
- ISBN: 978-817082275