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About the Book:- पुस्तक-सार
विभिन्न वर्गों की तुलना में नवांश की अपेक्षाकृत महत्ता सभी लोगों ने स्वीकार की है। ज्योतिषी इसे जन्म कुंडली के ठीक बाद या समकक्ष या उस से भी बेहतर मानते हैं। लगभग सभी ज्योतिषी कोई भी पूर्वानुमान देने से पहले, विभिन्न भावों और ग्रहों की शक्ति जानने के लिए कुंडली और नवांश का अध्ययन साथ-साथ करते हैं। वैदिक ज्योतिष में नवांश की एक अत्यंत उत्कृष्ट स्थिति है और इसके बहु-पक्षीय प्रयोग तथा निपुणता किसी भी विषय के सूक्ष्म परिक्षण और गहन अध्ययन के लिए बरबस ध्यान आकर्षित करती है । जैमिनी और नाडी पद्धति के अतिरिक्त ज्ञान और बुद्धिमतापूर्ण सिद्धांतों ने इसे और भी अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है। लेखक ने इन दोनों पद्धतियों का समावेश इस पुस्तक में करने का प्रयास किया है। जन्म कुंडली का अध्ययन भावों और ग्रहों के केवल स्थूल संकेत और गुण बताते हैं। जबकि नवांश उनके विस्तृत और सूक्षतम गुणों को बताते हैं। नवांश का आकार और विस्तार मूल रूप से एक नक्षत्र के एक चौथाई भाग के बराबर है। एक भाव/ राशि लगभग 30 डिग्री का होता है जबकि नवांश उसका सूक्षतम रूप (राशि का 1 / 9 भाग या केवल 3° 20' ही) है जो इसे विलक्षण गुण देता है।
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- Author: Raj Kumar Lt. Col. (Retd.)
- SKU: 536
- ISBN: 978-817082167