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About the
Book:- यह पुस्तक इस बात को
ध्यान में रख कर
लिखी गई है कि
पाठकगण ज्योतिष से अनभिज्ञ है।
इसीलिए प्रारम्भिक ज्योतिष का एक अध्याय
आरम्भ में दिया गया
है जिससे नवीन विद्यार्थी भी
नाड़ी ज्योतिष को समझ सके
। नाड़ी ज्योतिष में लग्न का
महत्व नहीं है मुख्यतः
शनि एवं गुरु के
गोचर से फलादेश का
कथन किया जाता है।
बंगलोर में वर्ष 1997 में
आयोजित नाड़ी-कार्यशाला में भाग लेकर
जो कुछ मैंने जाना
एवं समझा अपने प्रिय
पाठकों के सम्मुख इस
पुस्तक के रूप में
प्रस्तुत है। पुस्तक में
मूलभूत सिद्धान्तो का विवेचन करने
के पश्चात विशेष रूप से व्यवसाय
के बारे में विस्तृत
जानकारी देने का प्रयास
किया गया है ।
अंत
में प्रार्थना है कि भूल
होना मानवीय गुण है। यदि
किसी विषय को समझाने
में कोई त्रुटि हुई
हो तो सज्जनों से
आशा है कि क्षमा
प्रदान कर सूचना देंगे
तो मैं अनुगृहित होऊंगा
और भविष्य में भूल सुधार
कर दी जावेगी। इस
पुस्तक के प्रकाशन हेतु
में विशेष रूप से सागर
पब्लिकेशन्स, 72 वेद मेन्शन, जनपथ
नयी दिल्ली का आभारी हूँ
जिनके अनवरत प्रयास से यह पुस्तक
आपके सामने है। प्रूफ में
त्रुटियों के सुधार हेतु
में अपने मित्र एवं
सहयोगी श्री एम. एल.
करना दिल्ली निवासी का विशेष आभारी
हूँ।
- Stock: In Stock
- Author: S B R Mishra
- SKU: DCI-00443
- ISBN: 978-817082217