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About the Book
'वास्तु चिन्तामणि'
उन सभी
जिज्ञासुओं को
सप्रेम भेंट
है जिनकी
वैदिक काल
के स्थापत्य
विज्ञान अथवा
भवन बनाने
की कला
में रुचि
है। यह
पुस्तक भवन
निर्माण कला
एवं विज्ञान
के मूल
नियमों को
प्रस्तुत कर
रही है।
मात्र नियमों
को जानना
पर्याप्त नहीं
है यदि
उनके पीछे
छिपे कारणों
को न
जाना जाए।
प्रत्येक भवन
निर्माण के
समय एक
नई स्थिति
उत्पन्न हो
सकती है
जो इस
पुस्तक में
न दी
गई हो।
ऐसी स्थिति
में नियमों
के पीछे
अव्यक्त कारणों
की यदि
जानकारी है
तो निर्णय
लेना संभव
होगा। यह
पुस्तक उसी
दिशा की
ओर एक
प्रयास है।
यहां समझाने
के लिए
वेदों, उपनिषदों,
भगवद्गीता व
अन्य प्राचीन
पुस्तकों का
सहारा लिया
गया है।
संपूर्ण पुस्तक
में प्रयास
किया गया
है कि
प्रत्येक नियम
और प्रकृति
के संकेतों
के बीच
सामंजस्य हो।
एक बार
उस विराट
द्वारा रचित
प्रकृति की
रचना को
समझने लगेंगे
तो वास्तु
के नियमों
का देश,
काल और
पात्र के
अनुसार उचित
रूप में
प्रयोग कर
पाएंगे।
'वास्तु चिन्तामणि' मुख्य तौर पर आईकास के छात्रों के लिए ' वास्तु प्रवीण' और ' वास्तु आचार्य' के पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार की गई है। पुस्तक के सभी अध्याय वास्तु को समझने के लिए और उनके प्रयोग पर आधारित हैं
- Stock: Out Of Stock
- Author: Prof. A.B. Shukla
- SKU: DCI-00199
- ISBN: 978-819377045